Friday 27 June 2014

गरम रोला मज़दूरों के आन्‍दोलन की ऐतिहासिक जीत


गरम रोला मज़दूरों के आन्‍दोलन की ऐतिहासिक जीत

विजय जुलुस
गौरतलब है कि पिछले 22 दिनों से दिल्‍ली के वजीरपुर इलाके के गर्म रोला मज़दूर अपनी संवैधानिक कानुनी मांगो को लागु करवाने के लिए हड़ताल पर थे। इस बीच मालिकों ने अलग अलग तरीके से हड़ताली मज़दूरों को तोड़ने की कोशिश की। मजदूर नेताओं को झूठे आरोपो में गिरफ्तार करवाने की कोशिशों से लेकर हड़ताल को लम्‍बा खीचकर मज़दूरों को भूख से तोड़ देने जैसे अनेक तरीके अपनाये। पर मज़दूरों द्वारा इसका संगठित प्रतिरोध, हड़ताल के दौरान सामुदायिक रसोई चलाना आदि ऐसे हथियार साबित हुए जिसके सामने मालिकों को झुकना पड़ा।  

आज नीमड़ी कॉलोनी के श्रम विभाग में हुई वार्ता में सभी 23 कारखानों के मालिकों ने लिखित समझौते में सभी श्रम कानुन लागु करने स्‍वीकार किया। 8 घंटे का कार्यदिवस, ऑवरटाइम का दुगुनी दर से भुगतान, ईएसआई, पीएफ की सुविधा जैसे सभी कानुनों के ऊपर उन्‍होने लिखित हामी भरी। यह अपने आप में एक बड़ी जीत है क्‍योंकि ये सिर्फ वेतन वृद्धि का समझौता नहीं बल्कि सभी श्रम कानुनों को लागु करने का समझौता है।  

गरम रोला मज़दूर एकता समिति के सनी ने कहा कि यह एक बड़ी जीत है पर अभी यह एक शुरूआत है। इस समझौते को लागु करवाना भी हमारे लिए एक बड़ी लड़ाई होगी। हमें कोशिश करनी होगी कि कोई भी मालिक इन श्रम कानुनों का उल्‍लंघन ना कर पाये।  

गरम रोला मज़दूर एकता समिति के ही रघुराज ने बताया कि उप श्रमायुक्‍त ने वायदा किया है कि वो सभी कारखानों का आकस्मिक दौरा करेंगे व वेतन वितरण के दिन कारखाने में अपने किसी अधिकारी को भेजेंगे ताकि जितने वेतन का वादा किया गया है वो सभी मज़दूरों को मिल सके। समिति की कानुनी सलाहकार व बिगुल मज़दूर दस्‍ता की कार्यकर्ता शिवानी ने कहा कि मज़दूर आन्‍दोलनों के लिए विपर्यय व निराशा के इस दौर में यह जीत बहुत मायने रखती है। मालिकों व प्रबन्‍धन के लिए श्रम कानुन अब एक मजाक बनकर रह गये हैं पर गरम रोला के मज़दूरों ने दिखा दिया है कि अगर हम चुनावबाज राजनीतिक पार्टियों, एनजीओं, फण्डिग एजेंसियों की युनियनों को मज़दूर आन्‍दोलनों में घुसपैठ से रोक सकें तो मज़दूर अपने आन्‍दोलन को खुद नेतृत्‍व दे सकते हैं बशर्ते कि वो एक सही राजनीति लाइन के मातहत हों। गरम रोला मज़दूरों ने यह करके दिखाया है।  
दिल्‍ली मज़दूर यूनियन के सचिव नवीन ने कहा कि मज़दूरों की इसी जुझारू एकजुटता ने एक सही राजनीतिक लाइन के मातहत ये सम्‍भव कर दिखाया है। उन्‍होने ये भी कहा कि पूरे देशभर के इंसाफपसन्‍द नागरिकों, आसपास के मज़दूरों आदि के सहयोग से चलाई जा रही सामुदायिक रसोई ने ये दिखला दिया कि अगर हम फैक्‍टरी, पेशे आदि की संकीर्ण दीवारों को तोड़कर वर्गीय आधार पर एकजुट हो जायेंगे तो मज़दूर संघर्ष जीते जा सकते हैं। गरम रोला मज़दूरों ने हमें यह राह दिखाई और अब बाकी मज़दूरों को भी इस राह पर चलना चाहिए।  
इंकलाबी अभिवादन के साथ
रघुराज, सनी (सदस्य, नेतृत्वकारी समिति, गरम रोला मज़दूर एकता समिति)
शिवानी (कानूनी सलाहकार, गरम रोला मज़दूर एकता समिति)
रघुराज - 9211532753, सनी - 9873358124

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