Saturday 14 June 2014

वज़ीरपुर के गरम रोला के मज़दूरों की जुझारू हड़ताल नौवें दिन भी जारी

वज़ीरपुर के गरम रोला के मज़दूरों की जुझारू हड़ताल नौवें दिन भी जारी

14 जून, दिल्ली। गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में गरम रोला के मज़दूरों का संघर्ष नौवें दिन भी जारी रहा। हर रोज की तरह मज़दूरों ने वज़ीरपुर औद्योगिक इलाके के राजा पार्क में गर्म जोशी के साथ सभा की। आज की सभा में मंच संचालन बिगुल मज़दूर दस्ता के अरविन्द ने किया। हर रोज की तरह हड़ताल सभा की शुरुआत ‘जारी है हड़ताल हमारी’ नामक गीत के साथ हुई। गरम रोला मज़दूर एकता समिति के रघुराज ने बताया कि मज़दूर किसी भी तरह से मालिकों और मैनेजमेन्ट के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। मज़दूरों के दबाव के कारण आज श्रम विभाग की तरफ से गरम रोला के सभी 26 कारखानों के मालिकों को गरम रोला मज़दूर एकता समिति के प्रतिनिधिमण्डल के साथ वार्ता के लिए बुलाया गया था, किन्तु कारखाना मालिक तो कोई नहीं पहुँचा लेकिन उन्होंने अपने एक मैनेजर को भेज दिया जिसे श्रम विभाग ने बैरंग लौटा दिया। उन्होनें आगे कहा कि भले ही मालिक आज समझौते की टेबल पर आने के लिए तैयार न हों किन्तु देर-सबेर उन्हें मज़दूरों की जायज कानूनी मांगों को मानना ही पड़ेगा।


ज्ञात हो दिल्ली के वज़ीरपुर औद्योगिक इलाके के 26 गरम रोला कारखानों के करीब 1600 मज़दूर विगत 6 जून से हड़ताल पर हैं। मज़दूरों की मांग है कि सभी श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाये। वज़ीरपुर स्टील की बहुत बड़ी इण्डट्री है। यहां पर लोहे को पिघलाकर और ढालकर बर्तन और स्टील का अन्य सामान बनाया जाता है। काम करने की परिस्थितियां बेहद अमानवीय हैं। लोहा पिघलाने की भट्ठियों के पास खड़े होकर और स्टील की बेहद धारदार पत्तियों के बीच मज़दूरों को काम करना पड़ता है। मज़दूरों को न तो कोई श्रम कानून नसीब होता है और न ही काम करने की जगह पर सुरक्षा का ही कोई इन्तजाम होता है। ऐसे में मज़दूर अपने श्रम अधिकारों को हासिल करने के लिए गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं। यूनियन के अधिकारी रघुराज का कहना है कि पिछले साल 2013 में भी हड़ताल हुई थी जिसमें कुछ चीजें हासिल हुई थी। किन्तु हर महीने 1500 रुपये मज़दूरी बढ़ाने और पी एफ, ईएसआई देने से फैक्टरी मालिक मुकर गये। ऐसे में मज़दूरों को फिर से हड़ताल पर उतरना पड़ा। गरम रोला मज़दूरों की कमेटी के एक मज़दूर बाबुराम का कहना था कि उनकी हड़ताल उनके कानूनी हकों को हासिल कर लिए जाने तक जारी रहेगी। गरम रोला मज़दूर एकता समिति से जुड़े सनी सिंह ने बताया कि श्रम विभाग से मज़दूरों का शोषण छिपा नहीं है बल्कि श्रम कानूनों के लागू न होने का एक सबसे बड़ा कारण खुद श्रम विभाग की उदासीनता है। इलाके में नीमड़ी कॉलोनी में श्रम विभाग का दफ्तर है किन्तु उनकी नाक के नीचे मज़दूरों का शोषण बदस्तूर जारी है। मज़दूरों को न तो दिल्ली सरकार द्वारा तय न्यूनतम मज़दूरी मिलती है और न ही ओवर टाइम का डबल रेट से भुगतान होता है। ठेकेदारी प्रथा के तहत हजारों मज़दूर सालों-साल से काम कर रहे हैं। ऐसे में श्रम विभाग को चाहिए कि वह इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करे और श्रम कानूनों को सख्ती से लागू कराये।
स्त्री मज़दूर संगठन से जुड़ी बेबी कुमारी ने अपनी बात में रखा कि हमें महिला मज़दूरों को भी अपने संघर्ष में साथ लेना होगा ताकि हमारा संघर्ष और भी ताकत के साथ आगे बढ़ सके। उन्होंने दिल्ली के करावल नगर के बादाम मज़दूरों के आंदोलन में महिला मज़दूरों की भागीदारी का हवाला देते हुए बताया कि महिलाओं मज़दूरों ने हर संघर्ष में पुरुष मज़दूरों के साथ कन्धो से कन्धा मिलाकर संघर्ष लड़े हैं। दिल्ली कामगार यूनियन से जुड़े नवीन ने अपनी बात में ट्रेड यूनियन के सम्बन्ध में आम बातें रखते हुए बताया कि ट्रेड यूनियन के संघर्षों में सभी मज़दूरों को भागीदारी करनी चाहिए और वित्तीय पारदर्शिता का पूरा धयान रखा जाना चाहिए। उन्होनें देश भर में चले बड़े मज़दूर आन्दोलनों के सम्बन्ध में भी मज़दूरों के साथ अपनी बात साझा की।  विगत 10 जून को पूरे इलाके में एक बड़ी रैली का भी आयोजन किया गया जिसमें स्टील लाइन में काम करने वाले अन्य पेशों के मज़दूरों ने भी गरम रोला के मज़दूरों के समर्थन में काम बंद रखा। रैली में करीब 7000 मज़दूरों ने भागीदारी की। आज मज़दूरों ने राजा पार्क में अपनी सभा की। इस सभा में करीब 800 मज़दूरों ने भागीदारी की। सभा में बात रखते हुए गरम रोला मज़दूर समिति के मज़दूर अम्बिका ने कहा कि हमें अपनी सभा को जोश के साथ चलाना होगा और सभी मज़दूर इस हड़ताल में शिरकत करें। उन्होंने आगे कहा की हड़ताल में सभी मज़दूर न सिर्फ पार्क में बैठें बल्कि मज़दूर वर्ग की इस पाठशाला का इस्तेमाल वर्ग चेतन होने के लिए करें। सभा में आगे करावल नगर मज़दूर यूनियन के योगेश ने कहा कि इस हड़ताल पर ठंडा रोला, स्टील लाइन, रिक्शा के मज़दूर भी उम्मीद लगाए बैठे है, इस हड़ताल में जीत पूरे वज़ीरपुर के मज़दूरों की जीत होगी और यह अन्य मज़दूरों को भी संघर्ष के रास्ते पर उतरने का रास्ता दिखाएगी। अंत में मज़दूरों ने हड़ताल को मजबूत बनाने व इसे जीतकर ही उठने की शपथ ली। बिगुल मज़दूर दस्ता की सांस्कृतिक टोली विहान ने ‘एक कथा सुनो रे लोगो’, ‘जारी है हड़ताल’, ‘यूनियन हमारी एकता’ गीत प्रस्तुत किये।
मज़दूर हर रोज औद्योगिक इलाके के राजा पार्क में अपनी सभा चलाते हैं जहां विभिन्न संगठनों से जुड़े मज़दूर कार्यकर्ता और मानवाधिकार संगठन भी समर्थन के लिए आते हैं। हड़ताल के समर्थन के लिए बिगुल मज़दूर दस्ता, करावल नगर मज़दूर यूनियन, दिल्ली कामगार यूनियन, गुड़गांव मजदूर संघर्ष समिति, विहान सांस्कृतिक टोली, पीयूडीआर, पीयूसीएल, ह्यूमन राइट लॉ नेटवर्क, केएनएस, आईएमके, प्रतिध्‍वनि आदि संगठनों व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रभु महापात्र व कुछ छात्रों ने भी शिरकत की। मज़दूरों की हड़ताल आज नौवें दिन भी जारी रही।
गरम रोला मज़दूर एकता समिति
वजीरपुर औद्योगिक एरिया. सम्पर्क-  09873358124 (सनी)







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