Friday, 4 July 2014

प्रगतिशील, जनपक्षधर और इंसाफ़पसन्द बुद्धिजीवियों के नाम वज़ीरपुर के संघर्षरत मज़दूरों की अपील

साथियो!
आपको पता होगा कि पिछले 6 जून से हम गरम रोला मज़दूर अपने बुनियादी श्रम अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। 6 जून से 27 जून तक चली हड़ताल के बाद 27 जून को उप श्रमायुक्त की मौजूदगी में गरम रोला मिलों के मालिकों ने न्यूनतम मज़दूरी, आठ घण्टे के कार्यदिवस, ईएसआई, पीएफ आदि सभी श्रम अधिकारों पर अमल करने का लिखित समझौता किया। लेकिन अगले ही दिन इस समझौते को लागू करने से इंकार कर दिया। इसके बाद उप श्रमायुक्त की ही मौजूदगी में 28 जून को दोबारा मालिकों ने लिखित समझौते में इन सारे अधिकारों को लागू करने का वायदा किया। लेकिन अगले ही दिन मालिक इस समझौते से फिर से मुकर गये और पुलिस और गुण्डों के ज़रिये मज़दूरों को डराने-धमकाने लगे। उप श्रमायुक्त के कहने पर मज़दूर रोज़ कारखाने पर जाते रहे लेकिन मालिकों ने उन्हें काम पर नहीं लिया। नतीजतन, मज़दूरों ने हर रोज़ कारखानों का घेराव करना शुरू किया। इसके बाद 3 जुलाई को एक कारखाने के मालिक ने मज़दूरों को जबरन बन्धक बनाकर कारखाने के अन्दर गुण्डों से पिटवाना और धमकाना शुरू किया और जबरन काम करवाने का प्रयास किया। मज़दूरों ने उस कारखाने का घेराव किया तो मालिकों ने अशोक विहार थाने के पुलिस वालों और गुण्डों के ज़रिये शान्तिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे मज़दूरों पर हमला करवाया। जब मज़दूर फिर भी नहीं डिगे तो पुलिस उन्हें ‘कानून-व्यवस्था’ का हवाला देते हुए हटाने का प्रयास करने लगी। नतीजतन, करीब हज़ार मज़दूरों ने नीमड़ी कालोनी में उप श्रमायुक्त कार्यालय का घेराव किया। उप श्रमायुक्त कार्यालय की ओर से मज़दूरों के आन्दोलन के दबाव के कारण मालिकों को एक कानूनी नोटिस भेजा गया और पूछा गया कि कानूनी समझौते पर अमल न करने पर उनके ख़ि‍लाफ़ दण्डात्मक कार्रवाई की शुरुआत क्यों न कर दी जाय?
इस नोटिस से बौखलाये मालिकों ने आज पुलिस और गुण्डों के ज़रिये मज़दूरों के शान्तिपूर्ण जुलूस पर रॉडों और डण्डों से हमला कर दिया। मज़दूरों ने गुण्डों का डटकर मुकाबला किया। पुलिस ने एक मज़दूर साथी रामदरश को हिरासत में ले लिया और आन्दोलन के दो नेताओं शिवानी और रघुराज को जबरन गाड़ी में बिठाने का प्रयास किया। लेकिन सैकड़ों मज़दूर पुलिस की गाड़ी के आगे लेट गये और अन्ततः पुलिस को मज़दूर साथी रामदरश को रिहा करना पड़ा। इस बीच स्त्री राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता शिवानी को मालिकों के गुण्डे लगातार जान से मारने, तेज़ाब फेंकने और उठवा लेने की धमकी देते रहे। याद रहे कि यह सबकुछ अशोक विहार थाने के एसएचओ के सामने हो रहा था। जब पुलिस से मज़दूरों ने इन गुण्डों को गिरफ़्तार करने को कहा तो पुलिस उन्हीं को डराने-धमकाने लगी। अन्ततः पुलिस और गुण्डों को मज़दूरों की बढ़ती संख्या देखकर पीछे हटना पड़ा। ज्ञात हो कि संगठनकर्ता शिवानी के पास 29 जून की रात भी कई बार धमकी भरे फोन कॉल आये जिनके ख़ि‍लाफ़ महिला हेल्पलाइन पर शिकायत की गयी थी। जब मज़दूर अपनी रैली निकालते हुए दोबारा आगे बढ़े तो बाइक पर कुछ गुण्डे महिला कार्यकर्ताओं को धमकाने का प्रयास करते हुए साथ चल रहे थे। पुलिस चुपचाप देख रही थी। जब पुलिस वालों को चेतावनी दी गयी कि मज़दूर यह बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर पुलिस सुरक्षा नहीं देती तो उन्हें अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है। इस पर गुण्डे डर गये और पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया। रैली निकालते हुए सैंकड़ों मज़दूर उप श्रमायुक्त दफ़्तर पहुँचे। वहाँ प्रदर्शन शाम 7 बजे तक जारी रहा। श्रम कार्यालय ने मज़दूरों के दबाव में 7 तारीख को समझौते के उल्लंघन का कारण न बताने पर सभी मालिकों के ख़ि‍लाफ़ मुकदमा करने का वायदा किया है। साथ ही कारखाना अधिनियम के तहत सभी मालिकों के चालान काट दिये गये हैं जो 10 तारीख को मालिकों के पास पहुँच जाएँगे।
मज़दूर बहादुरी से आधे पेट भी अपना संघर्ष जारी रखे हुए हैं। मालिकों ने पुलिस और गुण्डों को खरीदकर उनके ख़ि‍लाफ़ आतंक राज्य कायम कर रहे हैं। जब एक पत्रकार साथी ने डीसीपी (उत्तर-पश्चिम दिल्ली) को इस मामले का संज्ञान लेने के लिए कॉल किया तो डीसीपी ने ‘शट अप’ कहकर फोन काट दिया। इसी से पता चलता है कि दिल्ली पुलिस का प्रशासन किस स्तर तक मालिकों के हाथों बिका हुआ है। इसके बावजूद मज़दूर हार नहीं मान रहे हैं और टिके हुए हैं।
ऐसे में, हम आप से अपील करते हैं कि आप निम्न कदम उठाकर हमारी मदद कर सकते हैंः
1) यदि आप दिल्ली में हैं तो एक प्रतिनिधि मण्डल बनाकर पुलिस आयुक्त (दिल्ली) और श्रम आयुक्त (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से मुलाकात करके इस मामले में तत्काल कानूनी समझौते को लागू करने की माँग कर सकते हैं और उनके कार्यालय में ईमेल, फैक्स व फोन कर सकते हैं।
2) यदि आप दिल्ली में नहीं हैं तो आप अपने शहर में वज़ीरपुर के मज़दूरों के संघर्ष के पक्ष में प्रदर्शनों का आयोजन कर सकते हैं और अपना विरोध पत्र व ज्ञापन पुलिस आयुक्त व श्रम आयुक्त को ईमेल व फैक्स कर सकते हैं।
3) आप स्त्री संगठनकर्ताओं को दी गयी धमकियों के मद्देनज़र राष्ट्रीय महिला आयोग व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अपना ज्ञापन व विरोध पत्र फैक्स कर सकते हैं और यदि आप दिल्ली में हैं तो इन संस्थाओं के अध्यक्षों से प्रतिनिधि मण्डल बनाकर मिल सकते हैं।
4) यदि आप मीडियाकर्मी/पत्रकार हैं तो आप इस आन्दोलन को अपने अखबार/चैनल हेतु कवर कर सकते हैं ताकि मज़दूरों की आवाज़ देश के कोने-कोने तक पहुँच सके।
साथियो, हम उम्मीद करते हैं कि आप हमारा साथ देंगे और पूँजी, पुलिस और गुण्डों के गठजोड़ के बरक्स हमारे साथ अपनी आवाज़ बुलन्द करेंगे।
क्रान्तिकारी अभिवादन के साथ,
रघुराज
सनी
शिवानी
(सदस्य, नेतृत्वकारी समिति)
गरम रोला मज़दूर एकता समिति
फोनः (सनी- 9873358124 शिवानी-9711736435)
 
अधिकारियों के फोन, फैक्‍स व ईमेल:

DCP NW Delhi Mobile Number: 09818099046
dcp-northwest-dl@nic.in 011-27229835 Fax-011-27462222
Commissioner of Police cp.bsbassi@nic.in 23490201 Fax-23722052
Special CP/Admin splcp-admin-dl@nic.in 23490202 Fax-23490333
Special CP/Int. splcp-int-dl@nic.in 23490207 Fax-23352239
Special CP/Security splcp-security-dl@nic.in 23490209 Fax-23490489
Special CP/Vigilance splcp-vigilance-dl@nic.in 23490205/4205 Fax-23490268
Spl. CP/Law & Order splcp-lo-7-dl@nic.in 23490204 Fax-23490481



राष्‍ट्रीय महिला आयोग- फोन: 91-11-23234918, 91-11-23213419 ईमेल: ncw@nic.in 

राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग- फोन: 91-11-24663211, 91-11-24663212 ईमेल: sgnhrc@nic.in
 

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