‘गरम रोला मज़दूर एकता समिति’, वज़ीरपुर
की ओर से सभी प्रगतिशील संगठनों व व्यक्तियों के नाम एक अपील
साथियो!
आपको पता होगा कि पिछले एक महीने दस दिनों से
वज़ीरपुर के गरम रोला मज़दूर आन्दोलन की राह पर हैं। 6 जून से 27
जून की हड़ताल के बाद तीन बार श्रम विभाग के तत्वावधान में श्रम कानूनों को लागू
करने के लिए समझौते हो चुके हैं। लेकिन अधिकांश मालिक इस समझौते को लागू करने से
इंकार कर रहे हैं। ऐसे में, आन्दोलन अभी भी जारी है। कुछ कारखानों
में मालिक फिलहाल समझौते को लागू कर रहे हैं जबकि अन्य में मालिकों ने मज़दूरों के
शुरुआती प्रस्ताव को लागू किया है। लेकिन जिन कारखानों में समझौता लागू किया भी जा
रहा है उनमें भी गुण्डों व पुलिस द्वारा दबाव डलवा कर मज़दूरों पर 1500
रुपये बढ़ोत्तरी पर मानने के लिए दबाव डाला जा रहा है, जो कि कानूनी
समझौता होने के पहले मज़दूरों की शुरुआती माँग थी।
ऐसे में, मज़दूर भी समझौते
को लागू कराने के लिए सतत् संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन इस समय तमाम मज़दूर और समूचा आन्दोलन
गम्भीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आन्दोलन को जारी रखने के लिए अन्य साथी
मज़दूरों, जैसे कि ठण्डा रोला आदि के मज़दूरों के बीच से सहयोग जुटाया जा रहा है,
लेकिन
उससे आन्दोलन की ज़रूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। अतः हम यह अपील जारी कर रहे हैं
कि जो भी साथी अथवा प्रगतिशील क्रान्तिकारी संगठन सहयोग भेज सकते हैं, वे
सहयोग भेजें। आपने पहले भी हमारी मदद की है, और हमें उम्मीद
है कि इस बार भी आप हमारी मदद करेंगे।
हमारी कोशिश यह है कि 27-28
जून के समझौते को पूर्णतः लागू किया जाय। 6 जून से लेकर वार्ता तक मज़दूरों की
माँग 1500 रुपये वेतन बढ़ोत्तरी की थी। पिछले वर्ष हुए समझौते में मालिकों ने
हर वर्ष 1000 रुपये की बढ़ोत्तरी का वायदा किया था। इस बार
मज़दूरों ने अप्रैल 2014 को मालिकों को 1000 रुपये बढ़ाने का
नोटिस दिया। जब जून तक मालिकों ने यह माँग नहीं मानी तब मज़दूरों ने अपनी हड़ताल की
शुरुआत की और 1500 रुपये के बढ़ोत्तरी की माँग मालिकों के सामने
रखी। हमने साथ में श्रम विभाग में श्रम कानूनों को लागू करने की बाबत शिकायत भी
डाली। जब तक मज़दूरों ने पिछले वर्ष के वायदे के मुताबिक 1000 रुपये बढ़ाने की
माँग रखी थी तब तक मालिक इसे भी मानने को तैयार नहीं थे। कानूनी समझौते में
न्यूनतम मज़दूरी और कानूनी कार्यदिवस की बात तय होने के बाद मालिकों ने धीरे-धीरे 1500
रुपये मज़दूरी बढ़ोत्तरी की मज़दूरों की आरम्भिक शर्त को स्वीकार कर लिया है। लेकिन ‘गरम
रोला मज़दूर एकता समिति’ के नेतृत्व में अभी भी 28 के समझौते के
पूर्ण अमल की लड़ाई जारी है। तमाम आर्थिक संकट और भूख से लड़ते हुए भी मज़दूरों ने
अपना यह संघर्ष अभी तक जारी रखा है। हमें उम्मीद है कि आप सभी इसमें हमारी मदद
करेंगे। जिस प्रकार 9 कारखानों में ‘श्रम कानूनों की
पाबन्दी या फैक्टरियों की तालाबन्दी’ के नारे को लागू करने में हम सफल रहे
हैं उसी प्रकार शेष 14 कारखानों में भी हम इस नारे को लागू करने का
संघर्ष कर रहे हैं। हम उम्मीद है कि आपके सहयोग और अपने जीवट के बूते पर हम अधिक
से अधिक माँगों को जीतेंगे।
क्रान्तिकारी अभिवादन के साथ,
आपके सहयोग के इन्तज़ार में,
सनी
(सदस्य, लीडिंग कोर)
गरम रोला मज़दूर एकता समिति
किसी भी प्रकार का सहयोग देने के लिए इन फोन नम्बरों पर फोन करेंः
सनी - 9873358124
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